Sunday, May 18, 2025
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दिल्ली: गढ़वाल सांसद बलूनी के निवास पर रंगों, गीतों और नृत्य से गूंज उठा महापर्व

14 मार्च 2025 को पूरे देश में होली हर्षोल्लास के साथ में मनाई गई। गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के सांसद, भाजपा के मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी के आवास पर दिल्ली में होली मनाने की लिए बड़ी संख्या में दिल्ली स्थित हिमालय परिवार के सदस्य इकठ्ठे हुए। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा उत्तराखंड दिल्ली में उतर आया हो। ढोल दमाऊं वादन में भी गढ़वाल और कुमाऊं की सहभागिता ने रही। इस उत्सव में सांसद अनिल बलूनी उनकी सहधर्मी श्रीमती दीप्ति बलूनी, दिल्ली विधानसभा सदस्य रविन्द्र सिंह नेगी, उत्तराखंड भाजपा हिमालय परिवार परामर्श दाता एवं वरिष्ठ सदस्य इस होली मिलन समारोह के अध्यक्ष राजेश्वर पैन्यूली तथा उत्तराखंड की अनेक सांस्कृतिक संस्थाओं के गणमान्य सदस्य उपस्थित थे। उत्तराखंड की होली पर ब्रज भाषा का प्रभाव सदियों से चला आया है वह प्रभाव इस आयोजन में भी देखने को मिला।

.. काहे को तेरो रंग बना है, काहे कि है पिचकारी… होली है! गोल दायरे में हुल्यारे अपने पद संचालन कर रहे थे.. इतने में वादकों ने चैत की चैताली…. गाने को पांडवणृत्य की लय पर शुरू किया मानों सभी पांडव धरती पर उतर आए हों … रंग खेला जा रहा था सभी नर नारी उल्लासपूर्वक गाने के साथ नाचने लगे। ऐजा हे भानुमति पाबो बाजार… गढ़वाल मा बाघ लग्यूं च बाघ कि च डैर, प्वां बाघ रे… एक से बढ़कर एक गीत और नाच की तालों ने सब को नाचने के लिए विबस कर दिया।

सांसद बलूनी और विधायक नेगी पूरे आयोजन का नृत्य करते हुए आनंद लेते रहे। बीच बीच में मिठाइयों और नमकीन का दौर भी चलता रहा।

होली का पारंपरिक रूप देखने को मिला अल्मोड़ा की होली में। विशुद्ध होली के गीत, लय और ताल। यह होली कुछ कलाकारों ने अभी तक बचा रखी है। मंझे हुए कलाकारों की प्रस्तुति मंद गति की गायकी के साथ अत्यंत मनमोहक लग रही थी। इस समारोह में दिल्ली हिंदी, संस्कृत, तथा गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी एकेडमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ.जीत राम भट्ट, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रचेता, लेखक, (आयुष मंत्रालय में राजभाषा समिति के पूर्व सदस्य, मीडिया विश्लेषक) व स्वतंत्र पत्रकार पार्थ सारथि थपलियाल, शिक्षाविद डॉ. विपिन मैखुरी, कवि वीर सिंह राणा, समाज सेवी श्री दिनेश डिमरी और उत्तराखंड की संस्कृति के वरिष्ठ लोक कलाकार शोभायमान थे। जिनका सम्मान भी किया गया।

अंत में सांसद अनिल बलूनी ने कलाकारों और कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने अपने संबोधन में उत्तराखंड की संस्कृति की व्यापकता को बताया और उसे संरक्षित करने पर बल दिया। श्री बलूनी ने उपस्थित जन समूह से आग्रह किया कि वे अपने गांव अवश्य जाते रहें और अपने गांव की मतदाता पंजिका में अपना नाम अवश्य दर्ज कराएं।

 

Reported By: Shishpal Gusain

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